अपने बारे में क्या लिखूं? इस सवाल पर बहुत देर तक सोचता रहा लेकिन सामान्य परिचय के सिवाय ऐसा कुछ भी नहीं सोच पाया। जन्म बिहार में हुआ और अब कई राज्यों से भटकने के बाद पिछले चार-पाँच सालों से दिल्ली में डेरा जमाए बैठा हूँ। ऐसा नहीं है कि शुरू से ही पत्रकार बनना चाहता था लेकिन बेहतर कहे जाने वाले करियर में एक-दो प्रयासों के बाद रोजी-रोटी का जुगाड़ नहीं जमा तो पत्रकारिता में आ गया। और, जब एक बार आ गया तो बस इसी में मज़े से रम गया हूँ। पांच-छह साल प्रिंट मीडिया में काम करने के बाद अब एक न्यूज़ वेबसाइट से जुड़ गया हूँ. मीडिया घरानों की नौकरी करते वक्त कई बार अपने मन की बातों को लिखना और कहना कितना मुश्किल हो जाता है, यह हम सबको पता है। लेकिन ब्लॉग ने हमलोगों की कम से कम इस मुश्किल को आसान कर दिया है। खैर यहाँ तो पूरी ठसक से अपनी बात लिखूंगा।
1 comment:
बिलकुल सही कह रहे हैं. मुस्लिम तुस्टीकरण कहाँ तक अपने देश को गर्त में धकेलेगा ?
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