Thursday, October 2, 2008

क्या शिवलिंग और बिकनी पहनीं महिला में कोई अंतर नहीं है?

इंडोनेशिया में हाल ही में लागू किए गए अश्लीलता विरोधी कानून (बैन बिकनी बिल) का विरोध देश के कई हिस्सों में इन दिनों जोरों पर है। खासकर बाली में, जहां 93 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है। बाली में इस कानून का विरोध होने की कई वजहें हैं। यह कि सूबा देश का सबसे चर्चित पर्यटन स्थल है, जाहिर है जो लोग बाहर से आते हैं वह समुद्र किनारे बुर्का पहनकर तो नहीं घूमेंगे! स्थानीय लोगों को डर है कि कट्टरपंथी मुस्लिमों को खुश करने के लिए बनाए गए इस कानून के डर से कहीं पर्यटक यहां आने से ही ना डरने लगें। और अगर ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

इस कानून का इससे भी खतरनाक पहलू यह है कि इससे हिंदुओं की कई धार्मिक गतिविधियों पर रोक लग सकती है। हिंदुओं को लग रहा है कि नए कानून से उनका धर्म खतरे में पड़ जाएगा। इस कानून के अनुसार हिंदू धर्म के लोग भगवान शिव की पूजा खुलेआम नहीं कर पाएंगे, क्योंकि कुछ लोगों के अनुसार शिवलिंग की पूजा नग्नता का सामाजिक स्तर पर प्रदर्शन है। इसलिए उस पर पाबंदी लगाना जरूरी है। यही नहीं, इस कानून के लागू होने से 'ओम ज्योतिर्लिन्गाय नम:' जैसे संस्कृत के मंत्र भी अश्लीलता की श्रेणी में आ सकते हैं।

इंडोनेशिया में यह शंका जताई जा रही है कि अश्लीलता पर रोक की आड़ में इस्लाम के शरिया कानूनों को देश की गैर मुस्लिम आबादी पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है। कई बार पहले भी ऐसे कट्टरपंथी लोगों ने इस्लाम की रक्षा के नाम पर वहां के तमाम होटलों और नाइट क्लबों पर धावा बोला था और इस तरह लोगों में दहशत फैलाने की कोशिश की थी।

इस मसले पर नवभारत टाइम्स में गुरुवार को लेख छपा है, 'बाली में यह कैसा तूफान'

8 comments:

Anonymous said...

if you keep your dhaarmik sentiments away then
worshiping ling is also worshiping sex and then why should you ask woman to cover themselfs .

its all hypocracy and nothing more
as regds law in bali
each country is entitled to have their laws

श्यामल सुमन said...

प्रभाष जी,

क्या शिवलिंग और बकनी पहनीं महिला में कोई अंतर नहीं है? आपके कथ्य के इस शीर्षक में ही उत्तर छुपा हुआ है।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

Anonymous said...

आपका लेख पढ़कर हम और अन्य ब्लॉगर्स बार-बार तारीफ़ करना चाहेंगे पर ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
और भी खेल-तमाशे सीखें सिर्फ़ 'ब्लॉग्स पण्डित' पर.

Gajendra said...

बहुत बढ़िया प्रभाषजी।

Anonymous said...

इसमें भी कोई राजनीति होगी। ब्‍लागजगत में आपका स्‍वागत है।

प्रदीप मानोरिया said...

प्रभाष जी
आपका सार्थक आलेख पढा बधाई स्वीकारें /समां निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी पधारें

अभिषेक मिश्र said...

Swagat Prabhas Ji. Bina kaat-chant aur bebak posts ki pratiksha rahegi. Apne blog par bhi amantrit karta hoon.

Anonymous said...

swagat hai, likhte rahiye.