विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की हमेशा से शिकायत रही है कि हिंदू हित के मुद्दे अथवा उससे जुड़े घटनाक्रम पर मीडिया में संघ परिवार का पक्ष नहीं दिखाया जाता है। मीडिया द्वारा लगातार 'उपेक्षा' से आहत वीएचपी ने अब अपना पक्ष रखने के लिए प्रॉडक्शन हाउस खोलने का फैसला किया है। योजना है कि प्रॉडक्शन हाउस प्रोग्राम बनाकर चैनलों पर स्लॉट लेकर दिखाएगा। कुछ चैनलों से इसके लिए बातचीत भी चल रही है। अगर इसके अनुभव अच्छे रहे तो वीएचपी बाद में अपना चैनल लाने पर भी विचार कर सकती है। इसके अलावा वीएचपी एक पोर्टल भी लाने जा रही है, जिसमें 'हिंदू सरोकारों' से जुड़े सारे मुद्दे को तरजीह दी जाएगी।
वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री और मीडिया प्रभारी राजेंद्र पंकज का इस बारे में कहना है, 'आज देश में हिंदू अवधारणा और आस्था निशाने पर है। हम हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसी परिस्थिति में हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। इसलिए समाचार और विचार को सही तरीके प्रस्तुत करने व भारतीय विचारों को पोषित करने के लिए हम छोटी सी पहल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, 'आज देश में सेवा कार्यों का जिक्र आने पर केवल चर्च की चर्चा होती है जबकि संघ परिवार एक लाख से अधिक प्रकल्प चला रहा है। मीडिया संघ परिवार की नकारात्मक छवि बनाने में ही रुचि रखता है, जबकि हम कई सकारात्मक काम कर रहे हैं। प्रोग्रामिंग के जरिए इन्हीं सकारात्मक कार्यों को उभारा जाएगा।'
वीचएपी की इस मुहिम को परवान चढ़ाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के कई पत्रकार भी मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही देश का एक अग्रणी मीडिया हाउस स्टूडियो वगैरह के निर्माण में मदद कर रहा है। इसी मीडिया हाउस के टेक्निकल हेड की देख-रेख में वीएचपी मुख्यालय के एक हिस्से को प्रॉडक्शन हाउस का रूप देने का काम चल रहा है। करीब आधा से अधिक काम पूरा भी हो चुका है। उम्मीद है कि दो महीने में स्टूडियो और पोस्ट प्रॉडक्शन के लिए एडिटिंग बे आदि बनकर तैयार हो जाएंगे।
वीएचपी से जूड़े सूत्र का कहना है कि अगस्त के अंत निर्माण कार्य पूरा होने के बाद प्रोग्राम तैयार करने का काम शुरू होगा। प्रोग्रामिंग दो स्तर की होगी। संघ परिवार और वीएचपी के सामाजिक क्षेत्र में काम चल रहे हैं। वीएचपी की योजना है कि संघ परिवार के सामाजिक कार्यों पर वह डॉक्यूमेंट्री बनाकर और धार्मिक चैनलों पर स्लॉट खरीदकर इसे दिखाया जाए। दूसरी योजना सम-सामयिक विषयों पर डॉक्यूमेंट्री और चैट शो जैसे प्रोग्राम तैयार करने की भी है। कोशिश यह रहेगी कि इन प्रोग्रामों का प्रसारण न्यूज चैनलों पर हो सके।
यह खबर मैंने अपनी साइट नवभारतटाइम्स.कॉम के लिए लिखी है, वहीं से साभार लिया है।
Thursday, June 11, 2009
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11 comments:
Der se Jage par sahi Jage.....
I Welcome this news ....
It is very important to Improve its image that is targetted by some Cummi,Muslim channels like NDTV ,IBN PEACE....etc.
अभी भी ज्यादा देत नहीं हुई है। अच्छी पहल है।
चलो अक्कल तो आई. देर से सही. मगर गुणवत्ता जरूरी है, इस पर संदेह बना हुआ है.
Ek achee shuruaat hai.........
हाँ काफ़ी दिनों से चर्चा तो चल रही थी, स्वागतयोग्य कदम है… अब देखना है कि यह धरातल पर कब उतरता है और कैसा प्रबन्धित होता है, वरना "नेहरू डायनेस्टी टीवी" (NDTV) इसकी भी बाल की खाल निकाले बिना नहीं रहेगा…। वैसे एक बात और है कि सुन्दरबन में हाल ही में आये तूफ़ान के बाद सबसे पहले मदद लेकर पहुँचने वाले संघ के कार्यकर्ता ही थे, यह खबर आपने किसी चैनल पर सुनी है? :)
यह एक अच्छी खबर है
It was an important issue and at least a portal had to be started, which at least would have described the "voluntary" conversions by Muslim and Christian Missionaries, by giving false assurances and fake hopes.
I hope that at least by this portal one would see how Hindus are being converted on bulk scale in some part of the country, and teh attrocities commited on them.
It was really necessary.
Good Start...
Suresh ji, aisi khabrein "secular" news channels nahin dikhaate.
सुस्वागतम्।
प्रभाष जी, खबर बड़े काम की है ये .. धन्यवाद
प्रभाष जी ऐसी खबरें आती कहाँ है ? बड़े - छोटे लगभग सभी पत्रकार इसतरह की बातें लिखने से डरते हैं की कहीं उनके ऊपर 'कोम्मुनल' होने कला लेवल न लग जाए |
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